टॉन्सिल के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज

February 11, 2023by Mahima Aggarwal0

जब भी कोई व्यक्ति टॉन्सिल (Tonsils) की बीमारी से परेशान होता है तो उसका खाना-पीना बंद हो जाता है। गले में बराबर दर्द होता रहता है। टॉन्सिल के कारण गले में जलन और सूजन हो जाती है।

टॉन्सिल क्या है?

टॉन्सिलाइिन को ‘तुण्डीकेरी शोथ’ कहा गया है। टॉन्सिल्स शरीर का ऐसा अंग हैं, जो गले के दोनों तरफ रहता है। यह शरीर के रक्षा-तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और बाहरी इन्फेक्शन से शरीर की रक्षा करता है। यह हमारे शरीर की लसीका प्रणाली (Lymphatic System) का हिस्सा हैं, जो बाहरी संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।

जब टॉन्सिल्स में किसी भी प्रकार का संक्रमण होता है तो इनके आकार में बदलाव और सूजन आ जाती है। इसे टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। टॉन्सिल्स आकार में 2.5 से.मी. लम्बे, 2 से.मी. चौड़े और 1.2 से.मी. मोटे होते हैं। वैसे तो टॉन्सिलाइटिस किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह अधिकतर बचपन में होता है। यह बच्चों में पाया जाने वाला एक सामान्य संक्रमण है। छोटे बच्चों से लेकर किशोरावस्था (5-15 साल तक) के बच्चों में अधिक होता है।

टॉन्सिल होने के कारण 

टॉन्सिल्स होने के ये कारण हो सकते हैंः-

  • वायरल इन्फेक्शन (कॉमन कोल्ड) के कारण।
  • टॉन्सिलाइटिस में होने वाला सबसे सामान्य रोग Streptococcus Pyogenes है।
  • इसके अलावा स्टेफिललोकोकस ऑरियस (Staphylococcus Aureus), मायकोप्लाज्मा निमोनिया( Mycoplasma Pneumonia) भी एक कारण है।
  • इन्फ्लुएंजा के कारण टॉन्सिल्स होता है, जिसे फ्लू कहा जाता है।
  • कोरोनावायरस के कारण, इसके दो उपप्रकारों में से एक SARS का कारण भी है।
  • बहुत ज्यादा ठण्डा खाने या पीने (आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक) से।
  • रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से।
टॉन्सिल्स के लक्षण

टॉन्सिल के ये लक्षण हो सकते हैंः-

  • गले में तेज दर्द होना तथा कुछ भी निगलने में कठिनाई होना।
  • कान के निचले भाग में भी दर्द रहना।
  • जबड़ों के निचले हिस्से में सूजन।
  • गले में खराश महसूस होना, एवं मुंह से बदबू आना।
  • अत्यधिक कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन होना।
  • छोटे बच्चों में सांस लेने में तकलीफ, एवं लार टपकाना जैसी समस्याएं।

टॉन्सिल का इलाज करने के लिए घरेलू उपाय

  • नमक के पानी से गरारा करें। इससे सूजन कम होती है। यह टॉन्सिल को घर पर ही ठीक करने का बहुत ही आसान उपाय है।
  • एक चम्मच शहद में नींबू के रस की 2-3 बूंद मिलाकर बच्चे को दिन में तीन बार सेवन कराएं।
  • गरम पानी में नींबू का रस और ताजा अदरक पीस कर मिलाएं। इस पानी से हर 30 मिनट में गरारा करें।
  • गरम पानी में नींबू का रस, चुटकी भर नमक, तथा काली मिर्च मिला कर गरारा करें।
  • अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर चाटने से सूजन तथा दर्द से आराम मिलता है।
  • गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर रात में सोने से पहले सेवन करें। हल्दी का सेवन टॉन्सिल के साथ-साथ कई रोगों को ठीक करने में मदद करता है।
  • फिटकरी के पाउडर को पानी में उबालकर गरारा करें। यह टॉन्सिल की परेशानी को कम कर आपको आराम पहुंचाता है।
  • पानी में 4-5 लहसुन डाल कर उबाल लें। इस पानी से गरारा करें। यह घरेलू इलाज सूजन और जलन से आराम दिलाता है।
  • 6-7 ग्राम मेथी के बीजों को एक लीटर पानी में गरम करें। इससे दिन में तीन बार गरारा करें। यह टॉन्सिल में लाभदायक होता है।
  • प्याज के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर गरारा करें। टॉन्सिल में यह बहुत लाभ पहुंचाता है।
  • एक गिलास दूध में 4-6 तुलसी के पत्ते उबाल लें। गुनगुना होने पर आधा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।
टॉन्सिल्स से बचाव के लिए आपका खान-पान 

टॉन्सिल्स के लिए आयुर्वेदीय उपचार के दौरान ये परहेज करना चाहिएः-

  • कफवर्धक पदार्थो (दही, ठण्डा दूध, ठण्डा पानी, आईसक्रीम, चावल) का सेवन बिल्कुल ना करें।
  • बासी भोजन, जंकफूड का सेवन ना करें।
  • तला-भुना एवं अधिक मसालेदार भोजन ना करें।
  • ठण्डी चीजे जैसे- दही, आइसक्रीम, ठण्डे पानी का सेवन बिल्कुल ना करें।
  • जंकफूड, तली-भुनी, मसालेदार चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें।
  • खाने को फ्रिज में रखने के बाद बार-बार गर्म ना करें। ऐसा करने से खाने के पोषक तत्व कम हो जाते हैं। इससे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है।
टॉन्सिलाइटिस से बचाव के लिए आपकी जीवनशैली

टॉन्सिल से बचाव के लिए आपका जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • यह संक्रमण के कारण होने वाला रोग है, इसलिए इसमें साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • कुछ खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  • छोटे बच्चों में संक्रमण होने पर घर पर रखकर देखभाल करें। स्कूल में वायरल संक्रमण होने का खतरा रहता है।
  • खांसने और छींकने के बाद हाथों को धोएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *