कैसे करें IVF के द्वारा गर्भधारण?

आईवीएफ एक फर्टिलिटी उपचार है जिसमें अंडों को शुक्राणु (sperm) से अप्राकृतिक (artificially) तरीके से मिलाया जाता है। यह प्रक्रिया मेडिकल लैब में नियंत्रित परिस्थितियों में की जाती है। यह प्रक्रिया इंफर्टिल दम्पति, और उन लोगों के लिए सहायक है जिनको कोई जननिक (genetic) दिक़्क़त या परेशानी है।

आईवीएफ की ज़रुरत कब पड़ सकती है?

IVF की ज़रुरत इन परिस्थितियाँ में पड़ सकती है: - निरुद्ध गर्भाशय नाल (Damaged or   blocked fallopian tubes) -शुक्राणु का निर्गुण होना -असफल नतीजें दूसरे फर्टिलिटी उपचारों से

आईवीएफ की ज़रुरत कब पड़ सकती है?

कुछ ऐसें सुनिश्चित परिस्थितियाँ जिसमें आईवीएफ की ज़रुरत हो सकती है:  -अनुपयुक्त हार्मोनल पर्यावरण -अनियमित ओव्यलैशन (ovulation) -अंडो की गुणवत्ता कम होना  -बढ़ती उम्र  -एन्डोमेट्रीओसिस (Endometriosis)    की कुछ परिस्थितियाँ

क्या होता है IVF में ?

यह समझना ज़रूरी है की आईवीएफ में क्या होगा और यह प्रकिया कैसे की जाती है: अण्डाशय (ovary) में अंडो की वृद्धि के लिए इंजेक्शन दिए जाते हैं अंडो को प्राप्त करने की प्रक्रिया साथ ही साथ, शुक्राणु (sperm) या वीर्य (semen) का सैम्पल लिया जाएगा अंडो और शुक्राणु को अप्राकृतिक तरीके से मिलाया जाता है

क्या संभावना है IVF process से गर्भधारण करने की?

IVF process से गर्भधारण करने की संभावना कुछ 30 से 45% होती है। सारे फर्टिलिटी उपचारों में, अक्सर आईवीएफ का परिणाम सबसे अच्छा होता है। जो फैक्टर IVF की सफलता को असर करते हैं, वह इस प्रकार हैं| आपकी उम्र पूर्व प्रेगनेंसी किस क़िस्म की फर्टिलिटी समस्या है जीवन शैली