आमतौर पर ट्यूबरकुलोसिस को टीबी के नाम से जाना जाता है। टीबी को हिंदी में क्षय रोग, तपेदिक या टीबी के नाम से भी जाना जाता है जो माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण फैलता है

ट्यूबरकुलोसिस के प्रकार

डॉक्टर्स के अनुसार टीबी या तपेदिक मुख्य रूप से 2 प्रकार का होता है, जो इस प्रकार है|

– लेटेंट टीबी या गुप्त क्षय रोग – एक्टिव टीबी या सक्रिय क्षय रोग

भारत में टीबी

जनवरी 2018 से अगस्त 2018 में, टीबी के मरीजों की कुल संख्या 3,32,149 पायी गयी है। भारत में होने वाली मौतों का एक शीर्ष कारण टीबी है, जो शीर्ष 10 कारणों में से एक है जिनमे एक संक्रामक एजेंट के कारण मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। हर साल टीबी के कारण लाखों लोग बीमार पड़ते हैं।

टीबी के लक्षण

– खांसी जो तीन से ज्यादा सप्ताह तक चलती है – खूनी खाँसी – छाती में दर्द, या सांस लेने या खांसी के साथ दर्द – अचानक वजन घटना – थकान – बुखार – रात में पसीना आना – ठंड लगना

टीबी से बचाव

1. दवा समय से लें  2. मास्क का इस्तेमाल करें  3. खांसने/छींकने के बाद अपने हाथ धोएं  4. BCG का टीका लगवाएं  5. दूसरों के संपर्क में न आएं  6. टीबी की शिक्षा लें