क्यों होता है महिलाओं में बांझपन जाने कारण 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक हार्मोनल विकार है जो संतान की इच्छा रखने वाली महिला की प्रजनन श्रमता को प्रभावित कर सकता है। पीसीओएस लगभग 15 से 40 वर्ष के दौरान होता है,  महिला के अंडाशय को प्रभावित करता है इसमें महिला का अंडा समय पर बनकर फूट नहीं पाता जिससे गर्भधारण करना मुश्किल होता है |

1. पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

2. हाइपोथैलेमिक अमेनोरिया

हाइपोथैलेमस एक ग्रंथि है जो शरीर में हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करता है। हाइपोथैलेमस तनाव, आहार, अचानक वजन बढ़ाने या कम होने और अधिक व्यायाम जैसे कारकों से आसानी से प्रभावित होता है। यह ऐसी परिस्थिति का कारण बन सकता है जहां महिलाओं का मासिक धर्म प्रभावित होता है, जिससे बांझपन जैसी समस्याएं होती हैं।

3. प्री मैच्योर ओवरी फैल्योर

40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं द्वारा अनुभव की जाने वाली स्थिति है,  यह अंडो की कम मात्रा के कारण होती है। यह ध्यान रहें कि इसे समय से पहले रजोनिवृत्ति से नहीं जोड़ा जाये । रजोनिवृत्ति अंडे के उत्पादन की पूर्ण समाप्ति है जिससे बांझपन होता है। दूसरी तरफ प्री मैच्योर ओवरी फैल्योर अंडे का उत्पादन अपर्याप्त होना है।

4. प्रोलैक्टिन का अधिक उत्पादन

यदि प्रोलैक्टिन उत्पादन सामान्य से अधिक है, तो यह एस्ट्रोजन के उत्पादन को दबा देगा, जो बदले में पीरियड्स और प्रजनन क्षमता की नियमितता को प्रभावित करता है।

5. ट्यूबल बांझपन- जैसा कि नाम से पता चलता है, यह फैलोपियन ट्यूब से संबंधित है।

आपकी फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज, संक्रमण या क्षतिग्रस्तता अंडाशय से अंडे के हस्तांतरण में बाधा डालती है, जिससे  पीरियड्स प्रभावित होते है।