बांझपन किसी भी रिश्ते में दूरियां पैदा कर देता है। शारीरिक रूप से स्वस्थ दिखाने वाली कई महिलाएं अण्डे खराब होने के कारण संतान सुख से वंचित रह जाती है, काफी प्रयासों के बाद भी जब गर्भधारण नहीं होता है
महिला के अण्डाशय में जन्म से ही अण्डों की संख्या निर्धारित होती है, माहवारी शुरू होने के साथ ही हर माह अण्डे खर्च होते रहते है, एक उम्र के बाद अण्डे समाप्त हो जाते हैं और महिला की माहवारी बंद हो जाती है
डोनर एग प्रक्रिया के दौरान 21 से 33 वर्ष की महिला का चयन किया जाता है, जिसके स्वयं के बच्चे हो यानि प्रजनन क्षमता अच्छी हो, ऐसी महिला को हॉर्मोन के इंजेक्शन देकर अण्डे तैयार किए जाते है।